पटना में अगले सप्ताह से दौड़ेगी 50 प्राइवेट सीएनजी बसें
अगले सप्ताह के अंत तक राजधानी पटना की सड़कों पर खूबसूरत प्राइवेट सीएनजी बसें भी आपको चलती हुई दिखेगी । मिली के अनुसार बताया जा रहा है , कि अगले हफ्ते से 50 प्राइवेट सीएनजी बसों का परिचालन राजधानी पटना के सड़कों पर आपको दिखने वाली है।
मिली जानकारी के अनुसार सभी प्राइवेट सीएनजी बसें पीली सिटीलाइट बसो की जगह पर चलाई जा सकती है। वही पीली सिटीराइड बसों के किराए के अनुसार ही इस प्राइवेट सीएनजी बसों का किराया होगा। डीटीओ श्रीप्रकाश ने बताया कि सीएनजी डीजल की तुलना में काफी सस्ता है. लिहाजा सीएनजी रुपांतरण के बाद बसों के किराये में वृद्धि का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है, इसके साथ साथ प्राइवेट पीली सिटी बस की तुलना में यह प्राइवेट सीएनजी में काफी सुविधा यात्रियों को मिलेगा। जहां पर आपको ज्यादा से ज्यादा बैठने के लिए जगह होगी। सहित कई नए सुविधा भी आपको देखने के लिए मिलेगी। इनमें न तो यात्रियों को बैठने पर सीट के पास निकले कांटी से कपड़े फटने का डर रहेगा और न ही खड़े रहने पर सिर के छत से टकराने का खतरा रहेगा.
7.5 लाख का सब्सिडी दे रही बिहार सरकार
पटना में ये सीएनजी बसें डीलर के पास आ चुकी हैं और इन्हें जिला परिवहन कार्यालय के द्वारा स्वीकृत हरे और सफेद रंग में पेंट भी किया जा चुका है. इनकी कीमत 25 से 30 लाख के बीच है जबकि इन पर सरकार 7.5 लाख का सब्सिडी दे रही है. पहले चरण में 50 बस मालिकों को सब्सिडी की राशि स्वीकृत की जा चुकी है. डीटीओ ने बताया कि अगले चार पांच दिनों में इसे बस मालिकों को दे दिया जायेगा. अगले एक सप्ताह के भीतर शहर में इन सिटी बसों का परिचालन शुरू हो जायेगा
50-50 बसों को आठ चरणों में किया जायेगा शुरू
शहर के पर्यावरण को डीजल और पेट्रोल जलने से निकलने वाले हानिकारक गैसों से निजात दिलाने के लिए शहर के सभी सिटी बसों को सीएनजी में बदलने की योजना बनायी गयी है. बीएसआरटीसी इसके लिए 95 नयी सीएनजी बस खरीदने की प्रक्रिया में लगी है ताकि अपने सिटी बसों के बेड़े को पूरी तरह डीजल फ्री कर ले. वहीं सरकार ने प्राइवेट पीली सीटीराइड बसों को भी शहर से बाहर करने के लिए उनको प्रति बस 7.5 लाख अनुदान देकर सीएनजी में बदलने का निर्णय लिया है. इसके लिए 50-50 बसों को आठ चरणों में शहर से बाहर किया जायेगा.
दी जा रही है अनुदान की राशि
शहर में अभी 365 पीली सिटीराइड बसें हैं जिनमें से पहले चरण में 50 बसों का चयन कर उनके मालिकों को अनुदान की राशि दी जा रही है. इनके मालिका ने भी अपने पुराने बसों की जगह चलाने के लिए नयी सीएनजी बसों का ऑर्डर दो महीने पहले से ही दे रखा है. अब तो वे डीलर के यहां आ भी चुकी हैं और सफेद व हरे रंग में पेंट होकर पूरी तरह सड़क पर दौड़ने के लिए तैयार हैं.