BPSC पेपर लीक मामले में अररिया के राजस्व अधिकारी राहुल कुमार गिरफ्तार:बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offence Unit-EOU) ईओयू ने शनिवार को राजस्व अधिकारी राहुल कुमार को गिरफ्तार किया है।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से आयोजित 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अररिया में तैनात राजस्व पदाधिकारी राहुल कुमार के मोबाइल फोन पर परीक्षा शुरू होने से पहले ही उत्तर के साथ प्रश्नपत्र आ गया था।
आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offence Unit-EOU) ईओयू की टीम ने राजस्व पदाधिकारी राहुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में यह भी पता चला है कि राहुल कुमार पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड माने जा रहे पिंटू यादव के भी लगातार संपर्क में थे। राहुल कुमार से कई सनसनीखेज राज सामने आने की संभावनाा जताई जा रही है।
भरगामा (अररिया) से राजस्व पदाधिकारी गिरफ्तार
बीपीएससी पेपर लीक कांड की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अररिया से राजस्व पदाधिकारी राहुल कुमार को गिरफ्तार किया है। राहुल कुमार मूल रूप से गया के अतर्री के रहने वाले हैं। उनके पिता मधुबनी में दारोगा के पद पर तैनात हैं।
आर्थिक अपराध इकाई की मानें तो राहुल कुमार बीपीएससी पेपर लीक कांड मामले के सॉल्वर गैंग के सरगना आनंद गौरव उर्फ़ पिंटू यादव के लगातार संपर्क में थे। परीक्षा से ठीक पहले क्वेश्चन पेपर लीक होने के बाद प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर दिया गया था।
गिरफ्तार राजस्वअधिकारी राहुल ने अपने स्तर से भी कई लोगों को क्वेश्चन और आंसर शीट दिया था। आर्थिक अपराध इकाई से मिली जानकारी के अनुसार, राजस्व पदाधिकारी राहुल प्रशासनिक सेवा में जाने के इच्छुक थे, इसलिए बीपीएससी की परीक्षा में वह भी शामिल हुए थे। उनका परीक्षा केंद्र सीवान में था।
जाँच कर रही टीम के अनुसार, बीपीएससी 64वीं में उत्तीर्ण होने के बाद उसे राजस्व पदाधिकारी का पद मिला था। छह महीने पहले ही उसने अररिया में योगदान किया था। इस बार रैंकिंग सुधारने और बेहतर पद पाने के लिए वह फिर से परीक्षा दे रहा था।
क्वेश्चन पेपर और आंसर की के लिए दिए थे पैसे
आर्थिक अपराध इकाई ईओयू की टीम इस बात का भी पता लगा रही है कि राहुल का सॉल्वर गैंग से कब से संबंध था? 67वीं बीपीएससी संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लेने के लिए उन्होंने पैसे भी दिए थे। बीपीएससी पेपर लीक कांड में अब तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान की माने तो पेपर लीक कांड जांच का दायरा बढ़ गया है। इस पूरे मामले में आर्थिक अपराध इकाई की टीम सोमवार को न्यायालय में कई दूसरे लोगों के खिलाफ वारंट हासिल करने की कोशिश करेगी, ताकि उनपर आगे कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बीपीएससी पेपर लीक कांड की जांच के प्रारंभिक दिनों में इस बात के संकेत दिए थे कि इसमें सरकारी मुलाजिमों की संलिप्तता बड़े पैमाने पर है और जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है, आर्थिक अपराध इकाई के दावों की पुष्टि भी हो रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले की जांच कहां तक जाती है और कौन-कौन से लोग इसमें संलिप्त पाए जाते हैं।