भारत का सबसे बड़ा रबड़ डैम बिहार में बनकर हुआ तैयार,सीएम करेंगे उद्घाटन

buxarnews
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भारत का सबसे बड़ा रबड़ डैम बिहार में बनकर हुआ तैयार,सीएम करेंगे उद्घाटन: धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिहार के गया (Gaya) जिले में फल्गु नदी पर देश का सबसे बड़ा रबड़ डैम बन कर तैयार हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पितृपक्ष महासंगम 2022 (Pitru Paksha 2022) शुरू होने से एक दिन पहले आठ सितंबर को इसका लोकार्पण करेंगे. रबड़ डैम (Ribber Dam) बनने से प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट मोक्षदायिनी फल्गु नदी (Phalgu River) में साल भर जल उपलब्ध रहेगा. इससे देश-विदेश से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को फल्गु नदी में स्नान, तर्पण एवं पिंडदान के लिए जल के लिए तरसना नहीं पड़ेगा.

भारत का सबसे बड़ा रबड़ डैम बिहार में बनकर हुआ तैयार

फल्गु नदी में सिर्फ बारिश के मौसम में ही सतह पर पानी होता है। बाकी दिनों में पानी नहीं रहता। मान्यता है कि गया में बहने वाली फल्गु नदी माता सीता से श्रापित है। मान्यताओं के अनुसार पिंडदान के बाद तर्पण के लिए इसी नदी का जल जरूरी होता है। लेकिन पानी नहीं होने की वजह से न सिर्फ पर्यटकों बल्कि स्थानीय लोगों को भी असुविधा होती थी। इसी को देखते हुए फल्गु नदी पर रबर डैम का निर्माण कराया गया है। अब नदी में सालभर सतह पर पानी रहेगा और पिंडदान करने आए लोगों को समस्या नहीं होगी। आइए, जानते हैं आखिर रबर डैम होता क्या है…

राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने जानकारी देते हुए कहा कि आधुनिक तकनीक पर आधारित इस रबर डैम, जिसे ‘गया जी डैम’ नाम दिया गया है, के निर्माण से प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के पास फल्गु में पूरे साल कम से कम दो फीट जल उपलब्ध रहेगा. इसके अलावा विष्णुपद मंदिर से सीताकुंड के बीच आवागमन के लिए फल्गु नदी पर 411 मीटर लंबा पैदल स्टील पुल, फल्गु के दोनों तट पर घाट और पुल से सीताकुंड तक जाने के लिए पैदल पथ आदि को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता को समर्पित करेंगे. उन्होंने बताया कि बिहार में पहली बार परंपरागत कंक्रीट डैम के स्थान पर आधुनिक तकनीक पर आधारित रबर डैम का निर्माण कराया गया है. इसका पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.

धार्मिक महत्व के मद्देनज़र डैम का निर्माण

अजय सिंह ( कार्यपालक अभियंता, जल संसाधन विभाग) की मानें तो फल्गु नदी में दूसरी बरसाती नदियों के मुकाबले पानी जल्दी सूख जाता है। दूसरी नदियों में पानी का ठहराव काफी वक़्त तक होता है, वहीं फल्गु नदी में तेजी से सीपेज होता है। नदी के भीतर पानी रोकने की तकनीक पारंपरिक तरीक़े से बने डैम में नहीं होती है। रबड डैम में पानी रोकने की तकनीक को एक सीमित दूरी तक उपयोग किया जाता है। विष्णुपद के पास धार्मिक महत्व के मद्देनजर पानी की ज़रूरत थी इसलिए यहां रबर डैम का निर्माण किया गया है।

बरसात का पानी डैम में होगा जमा

डैम में बरसात के दिनों में नदी में आने वाले पानी जमा होगा। रबर डैम की ऊंचाई तीन मीटर रखी गई है। तीन मीटर तक पानी रहेगा। इससे अधिक पानी होने पर रबर डैम के ऊपर से पानी डाउन स्ट्रीम यानी उत्तर दिशा की ओर निकल जाएगा।

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