पटना में जल्द खुलेगा नदी में तैरता हुआ CNG स्टेशन: आने वाले कुछ समय में बिहार की राजधानी पटना में नावों पर तैरते हुए सीएनजी स्टेशनों की जल्द ही सौगात मिलेगी। बता दें कि यह व्यवस्था अभी उत्तर प्रदेश के बनारस में स्थित है लेकिन जल्द ही यह राजधानी पटना में भी शुरू होगी। इस संबंध में गेल (GAIL) के वरीय पदाधिकारियों ने तैयारियां करना शुरू कर दिया है। बता दें कि वर्तमान समय में राजधानी पटना में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनी हुई है।
पटना में जल्द खुलेगा नदी में तैरता हुआ CNG स्टेशन
एक अनुमान के अनुसार दीघा से लेकर फतुहा तक हजारो से अधिक नावों का संचालन होता है. अधिकांश नावें डीजल से चलती हैं, जिससे प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनी हुई है। गेल (GAIL) के वरीय अधिकारियों की मानें, तो जिस तरह पटना में प्रदूषण का दायरा बढ़ रहा है, उसे देखते हुए बिहार सरकार के सहयोग से आने वाले सालों में पटना में भी नदी के किनारे सीएनजी स्टेशन खुल सकता है.
सीएनजी स्टेशन राजधानी में नदी किनारे नाव से हो रहे वायु प्रदूषण को रोकने में काफी कारगर साबित हो सकता है. सीएनजी स्टेशन से सीएनजी नावों को ईंधन मिल सकेगा. इसके लिए पहले नावों को सीएनजी में बदलना होगा. जिससे प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा. साथ ही नाव संचालित करने वाले को राहत भी मिलेगी. कम लागत से हजारों नाव संचालक को आर्थिक लाभ भी होगा.
गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में गेल इंडिया की ओर से पिछले दिनों विश्व का पहला तैरता हुआ सीएनजी स्टेशन बनारस में नदी के किनारे खुला है. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. गेल इंडिया केअधिकारियों ने बताया कि इसी वर्ष जुलाई में उन्हें सरकार की ओर से यह प्रोजेक्ट मिला था. तब 2.85 करोड़ रुपये का टेंडर था, लेकिन इसे तैयार करने में कुल 3.62 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. करीब पांच महीने में प्रोजेक्ट पूरा कर लिया गया.
इस तरह देखा जाये, तो अगर पटना में गंगा नदी में सीएनजी स्टेशन प्रोजेक्ट एक -दो साल में पास हो जाता है, तो लगभग पांच करोड़ रुपये का खर्च हो सकता है. अधिकारियों की मानें, तो बनारस में सीएनजी स्टेशन खुलने के बाद गेल कंपनी अन्य शहरों में गंगा नदी किनारे स्टेशन खोलने को लेकर उत्साहित दिख रही है. वैसे पटना और आसपास के इलाके में 12 सीएनजी स्टेशन चालू हो चुके हैं. मार्च तक आठ स्टेशन खुलने हैं.