पाकिस्तानी रिकॉर्ड ध्वस्त कर बिहार की धरती पर बना झंडा फहराने का विश्व कीर्तिमान
आज बिहार की धरती ने एकबार फिर इतिहास रच दिया है. भोजपुर (आरा )के जगदीशपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती के मौके पर आयोजित विजयोत्सव के दौरान एकसाथ तिरंगा झंडा फहरा कर नया रिकॉर्ड बनाया गया. इससे पहले एकसाथ 50 हजार झंडा फहराने का रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम था, बिहार में इस रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए एकसाथ 78 हजार से ज्यादा लोगों ने तिरंगा लहराया. यह नया विश्व रिकॉर्ड बना है. आरा के जगदीशपुर में हुए कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने सबसे पहले पहुंचते हुए राष्ट्रध्वज फहराया. अमित शाह के राष्ट्रध्वज फहराने के साथ ही वहां मौजूद तमाम लोग हाथ में झंडा लेकर खड़े हुए और अगले 5 मिनट तक हाथों में झंडा लहराते रहे
आरा के जगदीशपुर जगदीशपुर में आज बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव के मौके पर बनने वाले वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए सुबह से ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम मॉनिटरिंग करती रही. गिनीज बुक के नेशनल हेड स्वप्निल ने बताया कि 57 हजार के लगभग एकसाथ झंडा फहराने का रिकॉर्ड पहले पाकिस्तान के नाम था. यहां पर जो तैयारी की गई है उसके अनुसार कार्यक्रम स्थल में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को एक रिस्ट बैंड दिया जा रहा था, जिस पर एकबार कोड लगा हुआ है. मुख्य गेट से घुसने के साथ ही बारकोड की रीडिंग की जाती है, जिसकी गणना सामने लगे एचडी एलईडी स्क्रीन पर दिखाई पड़ती रहती थी. झंडा फहराने के बाद यह आंकड़ा 78025 तक पहुंचा.
लोगों में दिखा देशभक्ति का जुनून
बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव के मौके पर जगदीशपुर में हुए कार्यक्रम के दौरान तमाम लोग एकसाथ हाथों में झंडा लिए देशभक्ति के भाव में डूबे नजर आए. बच्चे, नौजवान, वृद्ध से लेकर पूर्व सैनिक भी हाथों में झंडा लिए खड़े दिखाई पड़े. सैकड़ों की संख्या में जुटे पूर्व सैनिकों ने कहा कि सीमा पर पर जंग लड़ना हो या फिर हाथों में झंडा लेकर पाकिस्तान को हराना हो, हर जगह सैनिक मजबूती से खड़ा रहता है और यही कारण है कि आज सभी पूर्व सैनिक खड़े होकर नया रिकॉर्ड बना रहे हैं.
अमित शाह ने मंच से भोजपुर में वीर कुंवर सिंह के नाम पर भव्य किला बनाने की घोषणा की. साथ ही आरा में वीर कुंवर सिंह की भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी. ऐसे वीर सपूतों क सम्मान में कोई कमी नहीं होगी. स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों का स्मारक बनाया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने हमारे सामने यह लक्ष्य रखा है. अमर शहीदों को ऐसे जीवित करें कि सदियों तक वो जिंदा रहें.